ध्यान रखें थर्ड वेव में बदले कोरोना के लक्षण: एक्सपर्ट्स बोले- अब पेट दर्द, डायरिया और कमजोरी के सिम्प्टम्स; सेकेंड वेव में थी सांस की तकलीफ

ध्यान रखें थर्ड वेव में बदले कोरोना के लक्षण: एक्सपर्ट्स बोले- अब पेट दर्द, डायरिया और कमजोरी के सिम्प्टम्स; सेकेंड वेव में थी सांस की तकलीफ

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  • In The Third Wave, Corona Patients Are Getting Symptoms Like Abdominal Pain, Weakness, Diarrhea, Recovery In 7 To 10 Days.

मध्यप्रदेश3 घंटे पहलेलेखक: जितेंद्र तिवारी

पूरे देश में कोरोना की थर्ड वेव ने रफ्तार दिखानी शुरू कर दी है। इस बीच लोगों के मन में कोरोना के नए लक्षण और रिकवरी को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में आपको बता दें कि थर्ड वेव में कोरोना महामारी का वैरिएंट ही नया नहीं आया है बल्कि उसके लक्षण भी बदल गए हैं।

ये बात दैनिक भास्कर से खास बातचीत में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डॉ. सुमित रावत ने बताई है, जो कॉलेज की लैब के नोडल ऑफिसर के तौर पर कोरोना मरीजों के सैंपल लेने के साथ ही उनकी जांच भी करते हैं। साथ ही माइक्रोबायोलॉजी में एमडी डॉ. सुमित कोरोना मरीजों और गर्भवती महिलाओं को लगी वैक्सीन पर रिसर्च भी कर रहे हैं।

थर्ड वेव में कोरोना पॉजिटिव मरीजों में किस प्रकार के लक्षण सामने आ रहे हैं?
नवंबर के बाद मिल रहे मरीजों में सर्दी, जुकाम, बदन दर्द और कमजोरी के लक्षण के अलावा कुछ मरीजों में पेट दर्द, डायरिया की भी शिकायतें आ रही हैं। सेकंड वेव में कोरोना मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होती थी, लेकिन इस बार थर्ड वेव में यह लक्षण देखने को नहीं मिल रहे हैं।

थर्ड वेव में किस उम्र के मरीजों में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण मिल रहा?
अभी तक सबसे ज्यादा 50 से कम उम्र के संक्रमित मिले हैं। इनमें ज्यादातर 12 से 35 वर्ष की उम्र के मरीज हैं। इस बार बुजुर्गों में संक्रमण कम देखने को मिल रहा है। जिन बुजुर्गों की ट्रैवल हिस्ट्री है, वही संक्रमित मिले हैं।

पॉजिटिव मरीज कितने दिन में कोरोना संक्रमण से रिकवर हो रहे हैं? क्या दिक्कतें आ रही हैं?
संक्रमित मरीजों को ठीक होने में 7 से 10 दिन का समय लग रहा है। वहीं, कोरोना के तीव्र लक्षण 3 दिन में ही खत्म हो रहे हैं। इसके बाद हल्के लक्षण रहते हैं, जो 10 दिनों में पूरी तरह खत्म हो रहे हैं। मरीजों में सबसे ज्यादा शरीर में कमजोरी आने की दिक्कत आ रही है। हालांकि, इस बार अब तक मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ रही है।

दूसरी और अब तीसरी लहर में मिल रहे मरीजों में क्या अंतर सामने आ रहा है?
तीसरी लहर में संक्रमण की रफ्तार बहुत तेज है। कम समय में डबलिंग रेट देखने को मिल रहा है। अभी और केस बढ़ेंगे। हालांकि, इसमें गंभीर मरीजों की संख्या कम है, लेकिन आने वाले समय में क्या परिणाम होंगे, यह तो समय के साथ पता चलेगा। कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण की रफ्तार कम थी। हालांकि, उस दौरान गंभीर संक्रमित मरीज ज्यादा मिल रहे थे। दूसरी लहर में आया डेल्टा संक्रमण पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में सांस की तकलीफ वाले मरीजों में डेल्टा संक्रमण होने की आशंका है।

तो फिर क्या करना चाहिए?
बचाव के लिए लोगों को पहले ही तरह ही हमेशा मास्क का उपयोग, समय-समय पर हाथ सैनिटाइज करना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए। कोरोना के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराना चाहिए। वहीं, बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी प्रशासन को देनी चाहिए। इससे संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है।

इम्युनिटी बढ़ाने के लिए क्या करें?
संक्रमण से बचने के लिए लोगों को इम्युनिटी लेवल मेंटेन करना चाहिए। इसके लिए लोग ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें। विटामिन-सी की मात्रा जिन चीजों में ज्यादा होती है जैसे, टमाटर, संतरा और आंवले आदि का सेवन करें। वहीं, विटामिन-डी की ज्यादा मात्रा वाले पपीता जैसे फल व सब्जी का सेवन करें। विटामिन-सी और विटामिन-डी कोरोना समेत अन्य संक्रमण से बचाव करता है।

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