पानी की बूँद बूँद के लिए तरस सकते है || Jal Hi Jeewan Jai || Badhey Chalo News

पानी की बूँद बूँद के लिए तरस सकते है  || Jal Hi Jeewan Jai || Badhey Chalo News

जल ही जीवन
ये कहावत सुनाने में बहुत अच्छी लगती है और हम सब ये अपने अपने बचपन से सुनते आ रहे है जल पर सब ने लेख या निबंध लिखे पढ़े या सुने भी होंगे, समय समय पर खबरे भी आती रहती है कि दुनिया में सबसे बड़ा संकट एक पानी का ही होगा।
हम सब को खाने कमाने घूमने और इंटरटेनमेंट के चक्कर में ये भूल जाते है कि खाने के बगैर काम चल सकता है खाने के बगैर के दिन दो दिन भूखा रहा जासकता है लेकिन पानी के बगैर कुछ घंटे भी नहीं रहा जा सकता है
इस लिए हम सब को अपना ध्यान इस तरफ खींचना होगा क्योकिं सिर्फ भारत में ही नहीं अब पूरी दुनिया में पानी का संकट आ गया,
बात करें दुनिया के सबसे विकाश शील और अमीर देश अमेरिका की तो वाहाँ भी सूखे जैसे हालत हो गये है।
ड्रॉट मॉनिटर की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के दक्षिण पश्चिमी में 98 % क्षेत्रों में सूखा जैसे हालत हो गये हैं अमेरिका के ज्यादातर जलाशयों में जलस्तर न्यूनतम से भी कम हो गया है

यदि पूरी दुनियां की बात की जाए तो 400 करोड़ लोग पूरी दुनियां में लगभग एक महीने तक पानी के संकट की वजह से परेशान रहते है
और लगभग 200 करोड़ लोग ऐसे देशो में रहते है जंहा पर पानी की आपूर्ति संतुलित नहीं है

और ये भी अनुमान लगाया जा रहा की 2030 लगभा 70 करोड़ लोग पानी की वजह से विस्थापित होजाएंगे
समस्या इतनी बड़ी है लेकिन लोगों और पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ता दिख रहा
अगर भारत की बात की जाए तो महाराष्ट्र में के कई क्षेत्रों में तो तीन दिन में सिर्फ 15 लीटर पानी ही मिल पा रहा है
कई-कई क्षेत्रों तो जल संकट ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है
जम्म्मू कश्मीर के लोगो को पानी में लिए चिल चिलाती धुप में पानी लेने के लिए लाइन लगानी पड रही है
रजिस्ठान जो हमेशा से पानी के लिए परेशान रहा है वहाँ सरकार पानी की आपूर्ति ट्रेन से करा रही है
और बात की जाए देश की राजधानी की दिल्ली की तो दिल्ली को यमुना जी से पानी मिलता है और यमुना का पानी का स्तर बहुत कम होगया है जिससे आपूर्ति नहीं हो पा रही है दिल्ली में 125 एमएलडी पानी की जरुरत होती है लेकिन कुछ दिनों से दिल्ली को 60 -70 एमएलडी पानी ही मिल पा रहा है जिससे कई इलाको में पानी नहीं पहुंच पारहा है

लोग पानी खरीद कर पीते है लेकिन वेस्ट करने से भी नहीं चूकते है
अनुमान लगाया जारहा है कि जिस तरह से बैंक में पैसे को जमा किया जाता है और जरुरत पड़ने पर निकाला जाता है कंही पानी के साथ भी ऐसा न करना पड़े
इस लिए इस समस्या से बचने का एक ही उपाए है पानी का बचाव करना है और पानी वेस्ट नहीं करना है और वेस्ट होने से बचाना है
चलो जानते है जाने अनजाने में कैसे पानी बर्बाद होता है
१-पानी पीना आधा गिलाश होता है और लेले ते हैं पूरा गिलाश भर कर फिर जो बचता उसे फेक देते हैं.
२-बर्तन धोने में बहुत पानी बर्बाद होता है इसलिए थोड़े कम बर्तन गंदे करो, काम भी कम करना पड़ेगा और पानी भी बचेगा
३-एक सर्वे कहता है कि एक व्यक्ति जितना पानी नहाने में खर्च करता है लगभग उसका आधा सुबह कुल्ला करने में और मुँह धोने में कर देता है
४-भारत में फ्लश करने में भी बहुत पानी बर्बाद होता है
५-गाडी धोने में – इस पर तो सरकार ने पाबन्दी भी लगा रखी है लेकिन लोग फिर भी गाड़ियों को धो धो कर चमका ते रहते है
५-RO के वेस्ट बहुत पानी वेस्ट होता है
६-पानी की टंकी के ओवर फ्लो से

पानी बर्बाद सिर्फ हम सब नहीं करते जो सरकार करोडो रूपये खर्च पानी बचाने के लिए कैम्पियन चलाने और टीवी रेडियो और अख़बारों में इस्तिहार देने पर करती है उसी सरकार के ऑफिसों में पानी बहुत वेस्ट होता है सरकारी नलों से हमेशा पानी लीक होते हुए देखते होंगे
पानी की लाइन टूट जाती है कई कई दिन पानी भर भर कर निकलता रहता है ट्रेनों में पानी लीक होता रहता है जलबोर्ड के पानी सप्लाई करने वाले टेंकरो से पानी छलकता रहता है उनकी टूटियां लीक होती रहती
क्या सरकार के पास ऐसे लोग नहीं है जो इसकी देख रेख कर सके जब ये सवाल सरकार से पूछा जाता है तो सरकार कहती है हैं बहुत सारे लोग है लेकिन वो कहाँ है क्या करते है उनके होते हुए कैसे पानी बर्बाद होता रहता है इसका जबाब सरकार को देना होगा

क्योकि यदि आपके घर के कूलर में छत पर कंही मच्छर लार्वा पानी में मिल जाते है तो आपका चलाना काटने के लिए एक व्यक्ति घर घर घूमता रहता है लेकिन सरकार के नलो की कोई देख रेख नहीं करता है होना तो ये चाहिए की जिस तरह आम व्यक्ति का छोड़ी छोड़ी वजहों से चालान कटता है उसी तरह सरकारी अधिकारीयों का भी चलना कटना चाहिए जिनकी देख रेख में सड़के टूटी पड़ी रहती पार्को में सरकारी बिल्डिंगो की छत पर पानी भरा रहता सरकारी नलो से पानी लीक होता रहता है , गटर का मालवा कई दिनों तक घरों के आगे पड़ा रहता है
खैर आप लोग मुद्दे उठाते नहीं तो सर्कार करती भी नहीं जब आप लोग कहते हो तो सरकार को करना भी पड़ता है
इसलिए आप लोग खुद पानी न बर्बाद करें और अगर कोई करता है तो उसे समाझायें या जबाब मांगे जरूरत पड़ने पर पम्प्लेन्ट भी करें चाहे वह सरकार ही क्यों न हो,
आखिर कर जो पानी बर्बाद हो रहा है वह आपके बच्चों के लिए ही कम पड़ने वाला है

जल ही जीवन, इसे जान लो और मान लो
तरस रहे है कुछ लोग आज भी एक एक बूँद के लिए
अपने बच्चो को नहीं तड़पने देगें ऐसी परेशानी से, ऐसा अब ठान लो

 

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