NEET PG: सुनवाई हुई पूरी, फैसला सुरक्षित, NEET-PG में 27% OBC और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसदी मिलेगा आरक्षण

NEET PG: सुनवाई हुई पूरी, फैसला सुरक्षित, NEET-PG में 27% OBC और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसदी मिलेगा आरक्षण

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12 मिनट पहले

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NEET PG: सुनवाई हुई पूरी, फैसला सुरक्षित, NEET-PG में 27% OBC और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसदी मिलेगा आरक्षण

सुप्रीम कोर्ट ने नीट-पीजी काउंसलिंग में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्वीकृति दे दी गई है। वहीं, ईडब्लूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण इस वर्ष प्रभावी रहेगा। हालांकि, भविष्य में इस कोटे को जारी रखा जाएगा या नहीं, इसका निर्णय सुप्रीम कोर्ट करेगा। मामले में अगली सुनवाई मार्च के दूसरे हफ्ते में की जाएगी।जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की बेंच ने यह फैसला सुनाया है।

पीठ ने दो दिन की सुनवाई के बाद गुरुवार को मामले में फैसला सुरक्षित रखते हुए टिप्पणी की थी कि उसका आदेश राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखेगा और उसी के मद्देनजर नीट काउंसलिंग जल्द ही शुरू होनी चाहिए। शीर्ष अदालत के समक्ष मामला होने के कारण NEET PG कोर्सेस के लिए काउंसलिंग रोक दी गई है।

इस साल जारी रहेगा वर्तमान क्राइटेरिया

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि नीट पीजी 2021 के लिए ईडब्ल्यूएस क्राइटेरिया पर एक विस्तृत अंतरिम आदेश की जरूरत है। इसे प्रस्तुत करने और आदेश को तैयार करने में कुछ समय लगेगा। तब तक NEET PG EWS और OBC कोटा के लिए वर्तमान क्राइटेरिया को वैलिड माना जाएगा।

तीन मार्च को होगी अगली सुनवाई

जस्टिस चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हमने NEET PG और UG में OBC के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। इस वर्ष 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए आवेदन स्वीकार होंगे और 3 मार्च, 2022 को होने वाली अंतिम ईडब्ल्यूएस सुनवाई पर संभावित तौर से अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

केंद्र ने मांगी थी काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत
6जनवरी को सुनवाई के दौरान केद्र सरकार ने कहा कि काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत दी जाए। वहीं, याचिकाकर्ताओं ने कोटे का विरोध किया। याचिकाकर्ता ने ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए आठ लाख रुपये के क्राइटेरिया का विरोध किया और कहा कि वैकल्पिक तौर पर 2.5 लाख की लिमिट तय की जा सकती है।

अदालत में केंद्र ने क्‍या कहा?

केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 27 फीसदी ओबीसी कोटा और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण दिया जा रहा है। यह जनवरी 2019 से लागू है। यूपीएससी में भी यही कोटा दिया जा रहा है। इस मामले में जनरल कैटेगरी को सीटों की हानि नहीं हुई है, बल्कि सीटों की संख्या 25 फीसदी बढ़ा दी गई है। पीजी कोर्स में रिजर्वेशन के लिए कोई मनाही नहीं है।

फोर्डा भी पहुंचा कोर्ट, कहा- अब देरी न की जाए

इस बीच, काउंसलिंग तत्काल शुरू करने की मांग करते हुए रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन ने भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने इस मामले में लंबित याचिका में पक्षकार बनाने की गुजारिश करते हुए कहा, नीट-पीजी काउंसलिंग तत्काल शुरू होनी चाहिए।

फोर्डा ने कहा, प्रवेश प्रक्रिया के अंत में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण मानदंड में संशोधन से अंतिम चयन प्रक्रिया में और देरी होगी। हर साल 45 हजार उम्मीदवारों को नीट-पीजी से चुना जाता है। वर्ष 2021 में प्रक्रिया रोक दी गई। इस साल किसी जूनियर डाॅक्टर का एडमिशन नहीं हुआ, इसलिए दूसरे और तीसरे वर्ष के पीजी डाॅक्टर मरीज देख रहे हैं। डाॅक्टरों को हर हफ्ते 80 घंटे से ज्यादा काम करना पड़ रहा है।

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